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मुलताई ( सैय्यद हमीद अली ) नगर के संगीत आचार्य श्री हबीब राज जी को, गवालियर संगीत संस्थान से, संगीत रत्न तथा सुरताल सुगम संगीत प्रशिक्षण संस्थान, जबलपुर द्वारा सुरताल मणि अलंकार की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नगर के सभी संगीतज्ञ लोगों ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। जिसमें नगर के संगीत जानकारों में हर्ष व्याप्त है। गौरतलब है कि यह सम्मान एवं उपाधि संगीत के क्षेत्र में लंबे समय तक उत्कृष्ट सेवा करने पर दिया जाता है ।संगीत आचार्य श्री हरीश राज जी का जन्म ,पवित्र नगरी मुलताई पावन तट में ,1 जनवरी 1962 को हुआ था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने संगीत की शिक्षा ली। और सन 1992 में एक संगीत विद्यालय खोलकर, निरंतर संगीत की सेवा देते आ रहे हैं। वे संगीत के क्षेत्र में ,संगीत की सभी विधाओं में दक्षता रखते हैं। उनका यह संगीत संस्थान आज तक चलता आ रहा है। जिसमें गायन शास्त्रीय पद्धति का गायन ,सुगम संगीत, चित्रपट संगीत, हारमोनियम वादन ,केसियो वादन, बांसुरी वादन, बैंजो वादन, तबला ढोलक वादन, ताने, राग रागिनी, ताल,आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। संगीत प्रशिक्षण करने के बाद श्री हबीब राज ,पूरे जिले सहित दूर-दूर तक ,गजल गायन, जागरण ,आर्केस्ट्रा, आदि के लिए भी जाने जाते हैं। संगीत की महारत के बाद उन्हें साहित्य में भी विशेष रूचि है। जिससे वह नगर की हिंदी साहित्य समिति से जुड़े हैं ।हर कवि सम्मेलन में जाकर अपनी रचनाओं का, हुनर बिखेरते हैं ।लेखन विधा का ज्ञान होने के कारण ,उनकी किताबें प्रकाशित हो चुकी है। क्षेत्र में भी उनको साहित्य रत्न की उपाधि प्राप्त हुई है। संगीत में खासी महारत होने के कारण, उन्होंने कई गीत लिखे, तथा उनकी सुंदर धूने भी तैयार की। रिकॉर्डिंग के दौरान कई ऑडियो, वीडियो, सीडी कैसेट में उन्होंने अपना संगीत भी दिया है। नगर में आप संगीतज्ञ, श्री पुष्कर देशमुख के सहायक संगीतकार के रूप में ,आज भी काम कर रहे हैं। इनके द्वारा कई ऑडियो, वीडियो, सीडी कैसेट निकाले जा चुके हैं ।श्री हबीब राज की संगीत मेहनत और लगन देखकर ही उन्हें, संगीत रत्न,और सुर ताल मणि के सम्मान एवं उपाधि से सम्मानित किया गया है। नगर में यह गौरव और चर्चा का विषय बना है। नगर के तमाम संगीतज्ञ श्री पुष्कर देशमुख, श्री लल्लू प्रसाद सोनी, श्री अयूब खान ,श्री जय किशन चंदेल, श्री दिलीप चौकीदार ,श्री घनश्याम नामदेव, श्री अनिल वर्मा, श्री संजय चौकीदार, श्री राजेश जैन, श्री मनोज चंदेल, श्री राजेश राज, सकूर भाई, आदि इष्ट मित्रों ने उन्हें उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए बधाई दी है।

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